इंजीनियरिंग कैसे करें | Engineering in hindi | course guide

इंजीनियरिंग कैसे करें | engineering in hindi | course guide 

 

shiksha portal ब्लॉग में आप सभी का स्वागत है। आज की इस पोस्ट में हम engineering in hindi का अध्यन करने वाले है।

 

भले ही आज करियर के हजारों ऑप्शंस खुल गए हों, लेकिन ‘engineering’ स्टूडेंट्स में आज भी सबसे पसंदीदा कोर्स में से एक है। आइए, आपको बताते हैं, engineering में कहां है आपके लिए बेस्ट ऑप्शंस…?

Engineering in hindi
Engineering 





बदलते वक्त के साथ स्टूडेंट्स के लिए करियर के हजारों ऑप्शंस खुल गए हैं, लेकिन देखा जाए, तो आज भी अधिकतर स्टूडेंट्स की पसंद ‘engineering’ ही है। 

Engineering in hindi

आज जिस तेजी से technology का विकास हो रहा है, युवाओं को यह field  भी उतना ही लुभा रही है, क्योंकि इस फील्ड में अच्छी हैसियत, बढिय़ा salary  और काम की संतुष्टि है। हालांकि इंजीनियर बनना उतना आसान भी नहीं है।

इसके लिए आपको कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी। 

12वीं के बाद engineering की फील्ड चुनने के लिए यह जरूरी है कि आपकी साइंस और मैथ्स स्ट्रॉन्ग हो। engineering की किसी भी ब्रांच में इन दोनों सबजेक्ट्स की जानकारी बेहद जरूरी है।

इसी फील्ड में कुछ नया करने की तलाश में अब आप इंजीनियरिंग की नई स्ट्रीम्स में भी अपना करियर बना सकते हैं।

types of engineering in hindi

  • सिविल इंजीनियरिंग
  • कम्प्यूटर इंजीनियरिंग
  • इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग

इलेक्ट्रॉनिक जैसी ट्रेडिशनल फील्ड के अलावा, अब 

  • स्पेस टेक्नोलॉजी इंजीनियरिंग
  • फूड टेक्नोलॉजी इंजीनियरिंग
  • एयरोस्पेस इंजीनियरिंग 
  • न्यूक्लियर फिजिक्स इंजीनियरिंग
  • नैनोटेक्नोलॉजी इंजीनियरिंग
  • टेलिकॉम टेक्नोलॉजी इंजीनियरिंग जैसी नई फील्ड भी आपके लिए खुली है। 


देश में इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए इंडियन इंस्टीट्यूट्स ऑफ टेक्नोलॉजी यानी आईआईटी को सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। इसके लिए एक joint entrance exam  होता है, जिसे पास करने के लिए आपको काफी मेहनत करनी होगी।

इसके अलावा, कई प्राइवेट संस्थान हैं, जहां आप इंजीनियरिंग की मनचाही ब्रांच में एडमिशन ले सकते हैं। इसके लिए आपकोएआईईईई यानी ऑल इंडिया इंजीनियरिंग इंट्रेंस एग्जाम देना होगा।


difference between b.e  and b.tech  in Hindi

 

be in hindi / b tech in hindi 

BE का अर्थ है-बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग, जबकि बीटेक का मतलब है-बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी। सिविल, मैकेनिकल पर आधारित परंपरागत इंजीनियरिंग के क्षेत्रों में बैचलर डिग्री को बीई के नाम से जाना जाता है, जबकि टेक्नोलॉजी (खासकर कम्प्यूटर टेक्नोलॉजी) पर आधारित कोर्स को बीटेक के नाम से जाना जाता है। वैसे, ये दोनों ही एक-दूसरे के पूरक और समकक्ष नाम हैं और दोनों ही कोर्स चार वर्ष के होते हैं।

इंजीनियरिंग के लिए योग्यता 


इंजीनियरिंग के बीई या बीटेक कोर्स में एडमिशन के लिए फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स से बारहवीं पास होना जरूरी है। बारहवीं की परीक्षा में शामिल होने वाले स्टूडेंट्स भी इसमेंं सम्मिलित हो सकते हैं, लेकिन एंट्रेंस में पास होने के बाद अंतिम रूप से एडमिशन मिल पाता है।

Engineering entrance exams

इंजीनियरिंग के कोर्सेज में प्रवेश के लिए अखिल भारतीय तथा राज्य स्तर पर प्रति वर्ष कई परीक्षाएं आयोजित की जाती हैं।

इनमें देश की प्रतिष्ठित आईआईटी में प्रवेश के लिए ली जाने वाली आईआईटी जेईई तथा अन्य टॉप इंजीनियरिंग कॉलेजों के लिए ली जाने वाली एआईईईई परीक्षा प्रमुख हैं।

आईआईटी जेईई  | IIT JEE

इंडियन इंस्टीटयूट ऑफ टेक्नोलॉजी यानी आईआईटी | IIT में एडमिशन पाना इंजीनियरिंग करने की चाह रखने वाले हर युवा का सपना होता है। इसके लिए आईआईटी जेईई नाम से प्रवेश परीक्षा ली जाती है।

इसमें केवल वे स्टूडेंट्स ही शामिल हो सकते हैं, जिन्होंने कम-से-कम 60 प्रतिशत अंकों से बारहवीं की परीक्षा पास की हो। इस परीक्षा के माध्यम से आईआईटीज (दिल्ली, कानपुर, रूडक़ी, मुंबई, गुवाहाटी, खडग़पुर, चेन्नई आदि) में एडमिशन ले सकते हैं

। इसके अलावा, इंडियन स्कूल ऑफ माइंस(धनबाद), बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी के आईटी सेंटर और मैरीन इंजीनियरिंग ऐंड रिसर्च इंस्टीट्यूट (कोलकाता) में भी इसी परीक्षा के आधार पर एंट्री मिलती है।

एआईईईई | AIEEE

यानी ऑल इंडिया इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जामिनेशन। इस परीक्षा का आयोजन सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन यानी सीबीएसई द्वारा किया जाता है।

इसके माध्यम से देश के विभिन्न भागों में स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एनआईटी) में प्रवेश दिया जाता है। स्टेट लेवल एग्जाम्स देश के तकरीबन सभी राज्यों द्वारा राज्यस्तरीय इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं का आयोजन किया जाता है, जिनके आधार पर उस राज्य के इंजीनियरिंग कॉलेजों में एडमिशन प्रदान किया जाता है। अधिकांश राज्यस्तरीय इंजीनियरिंग कॉलेजों की 85 सीटें संबंधित राज्य के स्टूडेंट्स के लिए आरक्षित होती हैं,

जबकि शेष 15 प्रतिशत सीटों के लिए अन्य राज्यों के अभ्यर्थी आवेदन कर सकते हैं। इनमें यूपीटीयूईई, बीसीईसीई-बिहार, सीईई-कर्नाटक, पेट-मध्य प्रदेश, सीएपी-महाराष्ट्र, दिल्ली-सीईई, जेम-पं. बंगाल, सीईईटी-हरियाणा, सीईटी-पंजाब, पेट-राजस्थान आदि प्रमुख हैं।

इन सभी की प्रवेश परीक्षाओं के लिए नोटिफिकेशन जनवरी से अप्रैल माह के बीच जारी होते हैं और एंट्रेंस टेस्ट मई-जून में होता है।


देश में कुछ एसे प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कॉलेज भी हैं, जिन्हें डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा प्राप्त है और जो स्वायत्त हैं। ऐसे संस्थानों की सूची में प्रमुख हैं – 

  • बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (बीआईटीएस)-पिलानी 
  • बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी-रांची 
  • मणिपाल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी-मणिपाल 
  • धीरूभाई अंबानी इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी-गांधीनगर 
  • वीर माता जीजाबाई टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट (वीजेटीआई)-मुंबई आदि। 

बीआईटीएस, पिलानी में एडमिशन के लिए संस्थान द्वारा ऑनलाइन परीक्षा आयोजित की जाती है, जिसे बीआईटीएस एडमिशन टेस्ट के नाम से जाना जाता है

धीरूभाई अंबानी इंस्टीट्यूट एवं बीआईटीएस, रांची में एआईईईई के आधार पर प्रवेश दिया जाता है।

वीजेटीआई में बारहवीं के प्राप्त अंकों के आधार पर प्रवेश दिया जाता है। एमआईटी, मणिपाल अपने यहां एडमिशन के लिए स्वतंत्र परीक्षा आयोजित करता है। हालांकि यहां कुछ सीटें एआईईईई में अच्छी रैंक पाने वाले स्टूडेंट्स के लिए भी आरक्षित होती हैं।

तो दोस्तों आर्टिकल आप लोगो उपयोगी लगा हो तो कमेंट करके जरूर बताये। आज की यह यह पोस्ट engineering in hindi पर फोकस की गयी 

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