आज हम Hindi letter के बारे में इस लेख के माध्यम से विस्तार से सीखेंगे जिसे अन्य नाम letter in hindi |Letter writing in hindi | पत्र लेखन | हिंदी लेटर | आदि के नाम से भी हम समझ सकते हैँ।
जैसा कि हम जानते हैँ, आज के समय में ज्यादातर कार्य डिजिटल हो गया हैँ, फिर भी Hindi letter writing का महत्व कम नहीं हुआ हैँ। आज भी लोग पत्र लेखन का इस्तेमाल करते हैँ, इसलिए इस लेख के माध्यम से हम letter writing in hindi में विस्तार से जानेंगे कि यह कितने प्रकार के होते हैँ, यह कैसे लिखा जाता हैँ, इसका फॉर्मेट कैसा होता हैँ, इसे समझने के लिए आपको पोस्ट को पूरा पढ़ना होगा निचे हम step by step इसे समझने कि कोशिश करेंगे
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Letter in Hindi with Format | पत्र की परिभाषा
जब हम अपने मन के विचारों एवं भावों को लिखित रूप में प्रकट करने के लिए जिस माध्यम का इस्तेमाल करते है, उसे पत्र कहते है।
दूसरे शब्दों में :- ‘एक ऐसा कागज जिस पर कोई बात लिखी अथवा छपी हो’ पत्र कहलाता है । पत्र को English में letter कहते है।
इसके द्वारा व्यक्ति अपनी बातों को दूसरों तक लिखकर पहुँचाता हैं।
हम पत्र को अभिव्यक्ति का एक सशक्त माध्यम भी कह सकते हैं। व्यक्ति जिन बातों को जुबां से अथवा मौखिक रूप से कहने में संकोच करता हैं, हिचकिचाता हैं; उन सभी बातों को वह पत्र के माध्यम से लिखित रूप में खुलकर अभिव्यक्त करता हैं।
पत्र लेखन | patra lekhan in Hindi :- अपने मन के भावों, विचारों को पत्र पर लिखने की प्रक्रिया को पत्र लेखन ( patra lekhan ) कहते है।
दूर रहने वाले अपने सबन्धियों अथवा मित्रों की कुशलता जानने के लिए तथा अपनी कुशलता का समाचार देने के लिए पत्र एक साधन है। इसके अतिरिक्त्त अन्य कार्यों के लिए भी पत्र लिखे जाते है।
आजकल हमारे पास बातचीत करने, हाल-चाल जानने के अनेक आधुनिक साधन उपलब्ध हैं ; जैसे- टेलीफोन, मोबाइल फोन, ई-मेल, फैक्स आदि। प्रश्न यह उठता है कि फिर भी पत्र-लेखन सीखना क्यों आवश्यक है ? पत्र लिखना महत्त्वपूर्ण ही नहीं, अपितु अत्यंत आवश्यक है, कैसे? जब आप विद्यालय नहीं जा पाते, तब अवकाश के लिए प्रार्थना-पत्र लिखना पड़ता है। सरकारी व निजी संस्थाओं के अधिकारियों को अपनी समस्याओं आदि की जानकारी देने के लिए पत्र लिखना पड़ता है। फोन आदि पर बातचीत अस्थायी होती है। इसके विपरीत लिखित दस्तावेज स्थायी रूप ले लेता है।
पत्र की उपयोगिता/महत्व
As keys do open chests.
So letters open breasts .
उक्त अँगरेजी विद्वान् के कथन का आशय यह है कि जिस प्रकार कुंजियाँ बक्स खोलती हैं, उसी प्रकार पत्र (letters) ह्रदय के विभित्र पटलों को खोलते हैं। मनुष्य की भावनाओं की स्वाभाविक अभिव्यक्ति पत्राचार से भी होती हैं। निश्छल भावों और विचारों का आदान-प्रदान पत्रों द्वारा ही सम्भव है।
पत्र लेखन दो व्यक्तियों के बीच होता है। इसके द्वारा दो हृदयों का सम्बन्ध दृढ़ होता है। अतः पत्राचार ही एक ऐसा साधन है, जो दूरस्थ व्यक्तियों को भावना की एक संगमभूमि पर ला खड़ा करता है और दोनों में आत्मीय सम्बन्ध स्थापित करता है। पति-पत्नी, भाई-बहन, पिता-पुत्र- इस प्रकार के हजारों सम्बन्धों की नींव यह सुदृढ़ करता है। व्यावहारिक जीवन में यह वह सेतु है, जिससे मानवीय सम्बन्धों की परस्परता सिद्ध होती है। अतएव पत्राचार का बड़ा महत्व है।
- पत्र साहित्य की वह विद्या हैं जिसके द्वारा मनुष्य समाज में रहते हुए अपने भावों एवं विचारों को दूसरों तक सम्प्रेषित करना चाहता हैं, इसके लिए वह पत्रों का सहारा लेता हैं। अतः व्यावसायिक, सामाजिक, कार्यालय आदि से सम्बन्धित अपने भावों एवं विचारों को प्रकट करने में पत्र अत्यन्त उपयोगी होते हैं।
- पत्र मित्रों एवं परिजनों से आत्मीय सम्बन्ध एवं सम्पर्क स्थापित करने हेतु उपयोगी होते हैं। पत्र के माध्यम से मनुष्य प्रेम, सहानुभूति, क्रोध आदि प्रकट करता हैं।
- कार्यालय एवं व्यवसाय के सम्बन्ध में मुद्रित रूप में प्राप्त पत्रों का विशेष महत्त्व होता हैं। मुद्रित रूप में प्राप्त पत्रों को सुरक्षित रखा जा सकता हैं।
- छात्र जीवन में भी पत्रों का विशेष महत्त्व हैं। स्कूल से अवकाश लेना, फीस माफी, स्कूल छोड़ने, स्कॉलरशिप पाने, व्यवसाय चुनने, नौकरी प्राप्त करने के लिए पत्रों की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती हैं।
- पत्र सामाजिक सम्बन्धों को मजबूत करने का माध्यम हैं। पत्रों की सबसे बड़ी उपयोगिता यह हैं कि कभी-कभी पत्र भविष्य के लिए एक महत्त्वपूर्ण दस्तावेज भी बन जाता हैं।
पत्रों के प्रकार ( Types of Letter )
पत्र मुख्य रूप से दो प्रकार के होते है।
- (1) औपचारिक-पत्र (formal Letter in hindi)
- (2) अनौपचारिक-पत्र (informal Letter in hindi)
औपचारिक पत्र | Formal letter in hindi
Aupcharik patra :- पदाधिकारियों, प्रधानाचार्य, ग्राहकों , व्यापारियों, , पुस्तक विक्रेता, सम्पादक आदि को लिखे गए पत्र औपचारिक पत्र कहलाते हैं।
औपचारिक पत्र मुख्य रूप से चार प्रकार के होते है
- प्रार्थना-पत्र/आवेदन पत्र (Request Letter in hindi )
- सम्पादकीय पत्र (Editorial Letter in hindi )
- कार्यालयी-पत्र (Official Letter in hindi )
- व्यवसायिक-पत्र (Business Letter in hindi )
Aupcharik Patra को विस्तार से समझने के लिए निचे दिए गए आर्टिकल को पढ़े।
अनौपचारिक पत्र | Informal letter in hindi
Anopcharik patra : वैयक्तिक पत्र से तात्पर्य ऐसे पत्रों से हैं, जिन्हें व्यक्तिगत मामलों के सम्बन्ध में पारिवारिक सदस्यों, मित्रों एवं अन्य प्रियजनों को लिखा जाता हैं। हम कह सकते हैं कि वैयक्तिक पत्र का आधार व्यक्तिगत सम्बन्ध होता हैं। ये पत्र हृदय की वाणी का प्रतिरूप होते हैं।
अनौपचारिक पत्र अपने मित्रों, सगे-सम्बन्धियों एवं परिचितों को लिखे जाते है। इसके अतिरिक्त सुख-दुःख, शोक, विदाई तथा निमन्त्रण आदि के लिए पत्र लिखे जाते हैं, इसलिए इन पत्रों में मन की भावनाओं को प्रमुखता दी जाती है, औपचारिकता को नहीं। इसके अंतर्गत पारिवारिक या निजी-पत्र आते हैं।
अनौपचारिक पत्र प्रमुख रूप से निम्न प्रकार के होते है
- कुशल-क्षेम सम्बन्धी पत्र
- बधाई सम्बन्धी पत्र
- शोक/सहानुभूति/संवेदना प्रकट करने सम्बन्धी पत्र
- निमन्त्रण पत्र
- खेद सम्बन्धी पत्र
- सलाह सम्बन्धी पत्र
- अभिप्रेरणा सम्बन्धी पत्र
- धन्यवाद सम्बन्धी पत्र आदि
अनौपचारिक पत्र को विस्तार से पढ़ने के लिए
Format of letter in hindi | letter in hindi format

पत्र के प्रारूप ( format of letter in hindi ) को हम पत्र लेखन उदाहरण हिंदी की मदद से समझेंगे
1. अपने मित्र को एक शुभकामना पत्र लिखें
मोहल्ला बानी
खंडेला।
दिनांक 16 अक्टूबर, 20XX
प्रिय मित्र मक़सूद ,
अस्सलामुअलैकुम।
आशा हैं, आप स्वस्थ एवं प्रसन्न होंगे। यह सुनकर बहुत ख़ुशी हुई की आपको अमेरिका में जॉब मिल गयी इसके लिए आपको बहुत बहुत बधाई। अल्लाह आपको और कामयाबी दें आमीन
मै उम्मीद करता हूँ की आपको मेरा पत्र मिल गया होगा इसलिए इसके जवाब में पत्र जरूर लिखना दोस्त
बहुत वक़्त हो गया है आपसे मिले। बहुत याद आती है आपकी भारत आए तो मिलकर जरूर जाना
आपकी भारत आने की योजना कब हैं, यह भी पत्र में लिखना।
आपके पत्र की प्रतीक्षा में
आपका मित्र,
मुहम्मद क़ासिम
2. छात्रावास से अपने पिता को एक पत्र लिखिए।
माहिनी छात्रावास,
सीकर।
दिनांक 16 अक्टूबर , 20XX
आदरणीय पिताजी,
अस्सलामुअलैकुम।
मुझे आज ही आपका पत्र प्राप्त हुआ। मेरे लिए यह ख़ुशी की बात हैं कि आपने मेरा हाल-चाल जानने के साथ-साथ मेरे छात्रावास की दिनचर्या के विषय में भी जानकारी चाही हैं। मैं यहाँ खुश हूँ, मुझे किसी तरह की कोई समस्या नहीं हैं। जहाँ तक बात मेरे छात्रावास की दिनचर्या की हैं, तो मैं इस पत्र में आपको उसकी जानकारी दे रहा हूँ।
हम प्रातः 5 : 30 बजे उठते हैं। 6 : 00 बजे तक शौच आदि से निवृत्त होकर प्रातः भ्रमण हेतु निकल जाते हैं। इन सब कार्यों पर हमारा लगभग एक घण्टा व्यतीत हो जाता हैं। इसके बाद सात बजे से साढ़े सात बजे के मध्य स्नान करते हैं। ठीक 8 बजे नाश्ते की घण्टी बजती हैं। प्रातः साढ़े आठ से साढ़े नौ बजे तक पढ़ाई करती हूँ। दस बजे से चार बजे तक विद्यालय में रहता हूँ। सायं साढ़े पाँच से साढ़े छः बजे तक का समय खेलों के लिए निश्चित हैं। रात्रि भोजन की घण्टी आठ बजे बजती हैं। भोजन के पश्चात् दो घण्टे अध्ययन करती हूँ। रात्रि ग्यारह बजे सब विद्यार्थियों को अनिवार्य रूप से सो जाना पड़ता हैं। इस प्रकार हमारी दिनचर्या नियमबद्ध ढंग से एवं सुचारु रूप से चलती रहती हैं। छात्रावास के अधीक्षक हमारी हर सुविधा का पूरा-पूरा ध्यान रखते हैं। मैं अगले महीने ग्रीष्म अवकाश में घर आउंगी ।
माताजी को सलाम , मरियम को प्यार।
आपकी प्रिय पुत्री,
शहनाज
Note:- छात्रावास से अपने पिता को एक पत्र लिखिए।, सुबह से शाम तक दिनचर्या को बताओ माता-पिता एवं पालक के समक्षआप छात्रावास में रहते हैं अपनी माताजी को पत्र लिखकर वहाँ की दिनचर्या के बारे में लिखिए,अपने पिताजी को पत्र लिखकर अपनी पढ़ाई की जानकारी दीजिए,अपने मित्र को अपनी दिनचर्या बताते हुए पत्र लिखिए,अपने बड़े भाई को अपनी पढ़ाई के बारे में जानकारी देते हुए पत्र लिखिए, इन सभी प्रकार के पत्रों का प्रारूप एक सा ही होगा बस हमें अपनी जरूरतों के हिसाब से बदलाव करने होंगे
3. विषय बदलने के लिए प्रार्थना पत्र
बाई पास ,
खंडेला ।
दिनांक16 अक्टूबर, 20XX
सेवा में,
श्रीमान प्रधानाचार्य जी,
स्कूल / कॉलेज का नाम ,
खड़ेला,
विषय- विषय बदलने के लिए प्रार्थना पत्र ।
महोदय,
सादर निवेदन यह हैं कि मैं आपके विद्यालय की बारवी कक्षा का छात्र हूँ। मैंने इसी विद्यालय से ग्यारवी कक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की हैं। परीक्षा पास करने के बाद मैं असमंजसता की स्थिति में यह निर्णय नहीं कर पाया था कि मेरे लिए कला, विज्ञान अथवा गणित वर्ग में से कौन-सा वर्ग ठीक रहेगा। मैंने अपने साथियों के आग्रह और अनुकरण से कला वर्ग चुन लिया हैं।
लेकिन पिछले सप्ताह से मुझे यह अनुभव हो रहा हैं कि मैंने अपनी योग्यता के अनुकूल विषय का चयन नहीं किया हैं। मुझे गणित विषय में 98 अंक प्राप्त हुए हैं। अतः गणित वर्ग विषय होना मेरी प्रतिभा के विकास के लिए अधिक उपयुक्त रहेगा।
आशा हैं आप मेरी कला संकाय से गणित संकाय में स्थानान्तरण की प्रार्थना स्वीकार करेंगे। मैं इसके लिए सदा आपका आभारी रहूँगा।
धन्यवाद।
आपका आज्ञाकारी शिष्य
मुहम्मद खालिद
कक्षा- बारवी ‘अ’
अनुक्रमांक-50
Note :- अपने प्रधानाचार्य को विषय परिवर्तन के लिए प्रार्थना पत्र लिखिए, ग्यारहवीं कक्षा में विज्ञान विषय लेने के लिए प्रधानाचार्य को आवेदन पत्र लिखिए, कॉलेज में विषय परिवर्तन आवेदन, सब्जेक्ट चेंज एप्लीकेशन in English, Subject Change Application class 11th in Hindi, Subject badalne ke liye Application यह सभी प्रकार के पत्रों का प्रारूप समान ही होगा।
4. शिक्षक के लिए अनुभव प्रमाण पत्र के लिए आवेदन
चौपाटी बाजार ,
खंडेला।
दिनांक 16 अक्टूबर , 20XX
सेवा में,
श्रीमान व्यवस्थापक महोदय,
जागरण जोश ,
खंडेला ,
विषय- अनुभव प्रमाण-पत्र लेने हेतु आवेदन-पत्र।
महोदय,
मैं आपके प्रतिष्ठित संस्थान में प्रूफ रीडर के पद पर मार्च 20XX से कार्यरत हूँ। मैंने गत दिनों साहित्य अकादमी, दिल्ली में प्रूफ रीडर के पद हेतु आवेदन किया था। कल मेरे पास वहाँ से ‘निमन्त्रण-पत्र’ (कॉल लैटर) आया हैं। पत्र में मुझसे मेरी शैक्षिक योग्यताओं के प्रमाण-पत्रों की मूल प्रति एवं पिछले कार्यों का अनुभव प्रमाण-पत्र लेकर 15 अप्रैल, 20XX को साहित्य अकादमी के दफ्तर में रिपोर्ट करने को कहा गया हैं।
मैंने अपनी शैक्षिक योग्यताओं की मूल प्रति तो सँभाल कर रख ली, किन्तु मेरे पास अनुभव प्रमाण-पत्र नहीं हैं। अतः आपसे निवेदन हैं कि आप मुझे 15 अप्रैल, 20XX से पहले मेरा अनुभव प्रमाण-पत्र देकर मुझे अनुगृहीत करें।
धन्यवाद।
भवदीय
हस्ताक्षर ……
मुहम्मद हाशिम
कार्ड नं. 1300
Conclusion
Letter in hindi के इस लेख में हमने पत्र के बारे में सभी महत्वपूर्ण बिन्दुओ को पढ़ा जैसे पत्र के प्रकार, पत्र का प्रारूप, औपचारिक पत्र, अनौपचारिक पत्र, यह कैसे और किनको लिखा जाता है। इसे पारदर्शि बनाने के लिए जिससे समझने में आसानी हो के लिए कही उदाहरण भी पढ़े। उम्मीद है आपको यह लेख समझ आया, ऐसे ही लेख पढ़ने के लिए सर्च करें shikshaportal.in शुक्रिया
Frequently ask question on letter in hindi
Que.1 पत्र में पता किस ओर लिखा जाता है
Ans. पत्र में पता शुरुआत में बाई ओर लिखा जाता है।
Que. 2 पत्र कितने प्रकार के होते है?
Ans. पत्र प्रमुख रूप से दो प्रकार के होते है।
Que. 3 निजी पत्र क्या है?
Ans. निजी पत्र एक प्रकार का अनौपचारिक पत्र है।
Read:- Bhasha kise kahate hain | bhasha ke kitne roop hote hain
Read:- सीखे स्वर और व्यंजन | Hindi varnamala | Hindi alphabet