Hindi Vyakaran के आज के अध्याय में हम संज्ञा ( Sangya ) के बारे में पढ़ेंगे जो शब्द भेद का प्रमुख भाग हैँ।
शब्दों को शुद्ध रूप से लिखने तथा बोलने के लिए Hindi व्याकरण के रूप में नियम हैँ उन नियमों को सुविधानुसार वर्गीकृत किया गया हैँ इसलिए इसे स्टेप
बाई स्टेप बाई सीखना होता हैँ।
हिंदी व्याकरण के अन्य लेख भी आप पढ़ सकते हो। संज्ञा के इस लेख को हम विस्तार से उदाहरण सहित सीखेंगे।

संज्ञा ( Sangya) | अर्थ व परिभाषा
संज्ञा किसे कहते हैँ – वह शब्द जिससे किसी व्यक्ति, वस्तु, भाव, या स्थान के नाम का बोध हो, उसे संज्ञा कहते है।
दूसरे शब्दों में – किसी प्राणी, वस्तु, स्थान, गुण या भाव के नाम को संज्ञा कहते है।
अन्य शब्दों में – सभी प्रकार के सजीव – निर्जीव, जीव – जंतु सभी प्रकार कि भौतिक वस्तुए, विचारों, भावनाए, स्थान संज्ञा ( noun ) कहलाती हैं।
संज्ञा के उदाहरण –
- प्राणियों के नाम – कौवा, मुहम्मद, शेर, गांधीजी, मैना, आदि।
- वस्तुओ के नाम- कूलर, पर्दा, अलमारी, मोबाइल, बैग, कुर्सी, खिड़की, आदि।
- स्थानों के नाम- भारत, ताज महल, सऊदी अरबिया, दुबई, राजस्थान, सीकर, खंडेला, जयपुर आदि।
- भावों के नाम- ईमानदारी, सच्चाई, भाईचारा, विचारधारा, वीरता, बुढ़ापा, मिठास आदि।
यहाँ ‘वस्तु’ शब्द का प्रयोग व्यापक अर्थ में हुआ है, जो केवल वाणी और पदार्थ का वाचक नहीं, वरन उनके धर्मो का भी सूचक है।
साधारण अर्थ में ‘वस्तु’ का प्रयोग इस अर्थ में नहीं होता। अतः वस्तु के अन्तर्गत प्राणी, पदार्थ और धर्म आते हैं। इन्हीं के आधार पर संज्ञा के भेद किये गये हैं।
अन्य उदाहरण
- मकसूद खेलता हैँ।
- मेरा मोबाइल अच्छा हैँ।
- भारत महान देश हैँ।
- सच्चाई एक अच्छी नीति हैँ।
उपर्युक्त वाक्यों में - मकसूद, मोबाइल, भारत, सच्चाई, संज्ञा हैँ। निचे हम संज्ञा के प्रकार को उदाहरण सहित विस्तार से पढ़ेंगे।
संज्ञा के भेद | Sangya ke bhed
संज्ञा के मुख्यतः पाँच भेद होते है जो इस प्रकार हैँ –
- व्यक्तिवाचक संज्ञा
- जातिवाचक संज्ञा
- भाववाचक संज्ञा
- समूहवाचक संज्ञा
- द्रव्यवाचक संज्ञा
(1) व्यक्तिवाचक संज्ञा
वे शब्द जिससे किसी विशेष व्यक्ति, वस्तु या स्थान के नाम का बोध हो उसे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं।
जैसे-
- व्यक्ति का नाम – मुहम्मद, विराट कोहली, अब्दुल कलाम, डॉक्टर भीम राव अम्बेडकर, नेशनल मंडेला, महात्मा गांधीजी आदि।
- वस्तु का नाम– कुरान, गीता, आई फोन, बी एम डब्लू, के टी एम, आदि।
- स्थान का नाम– मक्का, भारत, बुर्ज खलीफा, राजस्थान, लाल किला, आदि।
व्यक्तिवाचक संज्ञा के उदाहरण
- दिल्ली एक बहुत ही खूबसूरत शहर है।
- बुर्ज खलीफा दुनिया की सबसे ऊंची इमारत है।
- विराट कोहली एक बहुत अच्छे क्रिकेटर हैँ।
- बीएमडब्ल्यू बहुत महंगी कार हैँ
- लालकिला भारत कि शान हैँ
- आई फ़ोन बढ़िया मोबाइल फ़ोन माना जाता हैँ।
(2) जातिवाचक संज्ञा
ज़ब किसी नाम ( संज्ञा ) से पुरी जाति या पुरे श्रेणी का बोध होता है उसे जातिवाचक संज्ञा कहते है।
अन्य शब्दों में – वह शब्द जो किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान का की सम्पूर्ण जाती का बोध कराते हैँ उसे जातिवाचक संज्ञा कहते हैँ।
जैसे- अध्यापक, क्रिकेटर, टेबल, हॉस्पिटल , स्कूल , फर्नीचर , घोड़ा , पंखा , घर , अलमारी, मोबाइल, कार, बाइक, आदि।
जातिवाचक संज्ञा के उदाहरण
- वह ईमानदार लड़की हैँ।
- यह सुन्दर कार हैँ।
- पेड़ बहुत लाभदायक होते हैँ
- वह सफ़ेद जानवर हैँ।
- वह एक क्रिकेटर हैँ
- उस शहर में बहुत सफाई हैँ।
उपर्युक्त वाक्यों में –
- उदाहरण 1 में लड़की शब्द से सभी लड़की जाती का बोध हो रहा हैँ
- उदाहरण 2 में कार से सभी कार जाती का बोध हो रहा हैँ।
- उदाहरण 3 में पेड़ शब्द से पेड़ की सभी जाती का बोध हो रहा हैँ।
- ठीक इसी प्रकार 4 में जानवर से जानवर जाती का 5 में क्रिकेटर से क्रिकेटर जाती का 6 में शहर से शहर जाती का का बोध हो रहा हैँ।
( 3 ) भाववाचक संज्ञा
वह सभी नाम या शब्द ( संज्ञा ) जिसे हम ना छू सकते है ना देख सकते है उसे भाववाचक संज्ञा कहते है।
दूसरे शब्दों में – वह सभी शब्द जिनसे किसी व्यक्ति वस्तु, पदार्थ के गुण, भाव, स्वभाव या अवस्था का बोध होता है, उन्हें भाववाचक संज्ञा कहते हैं।
जैसे – उत्साह, ईमानदारी, बचपन, थकान, मिठास, बुढ़ापा, गरीबी, आजादी, हँसी, चढ़ाई , साहस, वीरता आदि शब्द-भाव, गुण, अवस्था तथा क्रिया के व्यवहार का बोध करा रहे हैं। इसलिए ये ‘भाववाचक संज्ञाएँ’ हैँ।
इन उदाहरणों में ‘उत्साह’से मन का भाव है। ‘ईमानदारी’ से गुण का बोध होता है। ‘बचपन’ जीवन की एक अवस्था या दशा को बताता है। अतः उत्साह, ईमानदारी, बचपन, आदि शब्द भाववाचक संज्ञाए हैं।
हर पदार्थ का धर्म होता है। पानी में शीतलता, आग में गर्मी, मनुष्य में ईमान व इंसानियत का होना आवश्यक है।
पदार्थ का गुण या धर्म पदार्थ से अलग नहीं रह सकता। घोड़ा है, तो उसमे बल है, वेग है और आकार भी है।
व्यक्तिवाचक संज्ञा की तरह भाववाचक संज्ञा से भी किसी एक ही भाव का बोध होता है। ‘धर्म, गुण, अर्थ’ और ‘भाव’ प्रायः पर्यायवाची शब्द हैं। इस संज्ञा का अनुभव हमारी इन्द्रियों को होता है और प्रायः इसका बहुवचन नहीं होता।
भावनात्मक संज्ञा के उदाहरण
- ईमानदारी एक सर्वश्रेष्ठ नीति हैं
- सभी से भाईचारा रखना चाहिए
- इंसान में इंसानियत होनी चाहिए
- प्यार को आम करो
- नफ़रत से बचो
- हमें हर परिस्थिति में खुश रहना चाहिए
भाववाचक संज्ञा का निर्माण
भाववाचक संज्ञाओं का निर्माण जातिवाचक संज्ञा, विशेषण, क्रिया, सर्वनाम और अव्यय शब्दों से बनती हैं। भाववाचक संज्ञा बनाते समय शब्दों के अंत में प्रायः पन, त्व, ता आदि शब्दों का प्रयोग किया जाता है।
( A ) जातिवाचक संज्ञा से भाववाचक संज्ञा बनाना
जातिवाचक संज्ञा | भाववाचक संज्ञा |
स्त्री- | स्त्रीत्व |
मनुष्य- | मनुष्यता |
शास्त्र- | शास्त्रीयता |
पशु- | पशुता |
दनुज- | दनुजता |
पात्र- | पात्रता |
लड़का- | लड़कपन |
दास- | दासत्व |
अध्यापक- | अध्यापन |
भाई- | भाईचारा |
पुरुष- | पुरुषत्व, पौरुष |
जाति- | जातीयता |
बच्चा- | बचपन |
नारी- | नारीत्व |
बूढा- | बुढ़ापा |
मित्र- | मित्रता |
पण्डित- | पण्डिताई |
सेवक- | सेवा |
(B) विशेषण से भाववाचक संज्ञा बनाना
विशेषण | भाववाचक संज्ञा |
लघु- | लघुता, लघुत्व, लाघव |
एक- | एकता, एकत्व |
खट्टा- | खटाई |
गँवार- | गँवारपन |
बूढा- | बुढ़ापा |
नवाब- | नवाबी |
बड़ा- | बड़ाई |
भला- | भलाई |
ढीठ- | ढिठाई |
लाल- | लाली, लालिमा |
सरल- | सरलता, सारल्य |
परिश्रमी- | परिश्रम |
गंभीर- | गंभीरता, गांभीर्य |
स्पष्ट- | स्पष्टता |
अधिक- | अधिकता, आधिक्य |
सर्द- | सर्दी |
मीठा- | मिठास |
सफेद- | सफेदी |
मूर्ख- | मूर्खता |
वीर- | वीरता, वीरत्व |
चालाक- | चालाकी |
गरीब- | गरीबी |
पागल- | पागलपन |
मोटा- | मोटापा |
दीन- | दीनता, दैन्य |
सुंदर- | सौंदर्य, सुंदरता |
बुरा- | बुराई |
चौड़ा- | चौड़ाई |
बेईमान- | बेईमानी |
आवश्यकता- | आवश्यकता |
अच्छा- | अच्छाई |
सभ्य- | सभ्यता |
भावुक- | भावुकता |
गर्म- | गर्मी |
कठोर- | कठोरता |
चतुर- | चतुराई |
श्रेष्ठ- | श्रेष्ठता |
राष्ट्रीय | राष्ट्रीयता |
(C) क्रिया से भाववाचक संज्ञा बनाना
क्रिया | भाववाचक संज्ञा |
खोजना- | खोज |
जीतना- | जीत |
लड़ना- | लड़ाई |
चलना- | चाल, चलन |
देखना- | दिखावा, दिखावट |
सींचना- | सिंचाई |
पहनना- | पहनावा |
लूटना- | लूट |
घटना- | घटाव |
बोलना- | बोल |
झूलना- | झूला |
कमाना- | कमाई |
रुकना- | रुकावट |
मिलना- | मिलावट |
भूलना- | भूल |
बैठना- | बैठक, बैठकी |
घेरना- | घेरा |
फिसलना- | फिसलन |
रँगना- | रँगाई, रंगत |
उड़ना- | उड़ान |
मुड़ना- | मोड़ |
चढ़ना- | चढाई |
मारना- | मार |
गिरना- | गिरावट |
सीना- | सिलाई |
रोना- | रुलाई |
पढ़ना- | पढ़ाई |
पीटना- | पिटाई |
समझना- | समझ |
पड़ना- | पड़ाव |
चमकना- | चमक |
जोड़ना- | जोड़ |
नाचना- | नाच |
पूजना- | पूजन |
जोतना- | जुताई |
बचना- | बचाव |
बनना- | बनावट |
बुलाना- | बुलावा |
छापना- | छापा, छपाई |
बढ़ना- | बाढ़ |
छींकना- | छींक |
खपना- | खपत |
मुसकाना- | मुसकान |
घबराना- | घबराहट |
सजाना- | सजावट |
बहना- | बहाव |
दौड़ना- | दौड़ |
कूदना- | कूद |
(D) सर्वनाम से भाववाचक संज्ञा बनाना
सर्वनाम | भाववाचक संज्ञा |
अपना- | अपनापन /अपनाव |
निज- | निजत्व, निजता |
स्व- | स्वत्व |
अहं- | अहंकार |
मम- | ममता/ ममत्व |
पराया- | परायापन |
सर्व- | सर्वस्व |
आप- | आपा |
(E) क्रिया विशेषण से भाववाचक संज्ञा
मन्द- मन्दी;
दूर- दूरी;
तीव्र- तीव्रता;
शीघ्र- शीघ्रता इत्यादि।
(F) अव्यय से भाववाचक संज्ञा
परस्पर- पारस्पर्य;
समीप- सामीप्य;
निकट- नैकट्य;
शाबाश- शाबाशी;
वाहवाह- वाहवाही
धिक्- धिक्कार
शीघ्र- शीघ्रता
( 4 ) समूहवाचक संज्ञा
ज़ब किसी शब्द या नाम ( संज्ञा ) से एक ही तरह के व्यक्तियों या वस्तुयों के समूह या झुण्ड का बोध होता है उसे समूहवाचक संज्ञा कहते है।
अन्य शब्दों में – वे संज्ञा शब्द जिससे किसी वस्तुओ के समूह या समुदाय का बोध हो, उसे समूहवाचक संज्ञा कहते है।
जैसे- वर्ग, भीड़, जनता, सभा, कक्षा, गुच्छा, कुंज, मण्डल, घौद, समिति, दल, बैठक, आदि।
समुवाचक संज्ञा के उदाहरण
- हमारी टीम आज अच्छा खेली
- भीड़ कि वजह से ट्रैफिक था
- यह अंगूर के गुच्छे हैँ।
- बैठक सफल रही
- जनता खुश हैँ
- कक्षा आज फुल हैँ
- एक वर्ग विशेष को टारगेट करना ठीक नहीं
( 5 ) द्रव्यवाचक संज्ञा
वह नाम ( संज्ञा ) जिससे किसी किसी तरल /पदार्थ का बोध हो और जिसे गिना न जा सके सिर्फ तौल या माप सकते है उसे द्रव्यवाचक संज्ञा कहते है।
दूसरे शब्दों में – वे शब्द या संज्ञा जिससे नाप तोल वाली वस्तु का बोध हो, उसे द्रव्यवाचक संज्ञा कहते है।
अन्य शब्दों में – जिन संज्ञा शब्दों से किसी धातु, द्रव या पदार्थ का बोध हो, उन्हें द्रव्यवाचक संज्ञा कहते है।
जैसे- ताम्बा, पीतल, चावल, घी, तेल, सोना, लोहा, गेहूं, बाल, नमक, दूध आदि।
द्रव्यवाचक संज्ञा के उदाहरण
- दूध बहुत महंगा है
- पानी बहुत महत्वपूर्ण हैँ
- तेल के बहुत फायदे हैँ
संज्ञा का रूपान्तर ( लिंग, वचन और कारक में सम्बन्ध )
संज्ञा विकारी शब्द है। विकार शब्दरूपों को परिवर्तित अथवा रूपान्तरित करता है। संज्ञा के रूप लिंग, वचन और कारक चिह्नों (परसर्ग) के कारण बदलते हैं।
लिंग के अनुसार संज्ञा का रूपांतर
लड़का जाता है- लड़की जाती है।
आदमी पीता है- औरत पीती है।
इन वाक्यों में ‘लड़का’ पुंलिंग है और ‘लड़की’ स्त्रीलिंग। ‘आदमी’ पुंलिंग है और ‘औरत’ स्त्रीलिंग। इस प्रकार, लिंग के आधार पर संज्ञाओं का रूपान्तर होता है।
वचन के अनुसार संज्ञा का रूपांतर
लड़का खाता है- लड़के खाते हैं।
लड़की खाती है- लड़कियाँ खाती हैं।
एक लड़का खेल रहा है – तीन लड़के खेल रहे हैं।
इन वाक्यों में ‘लड़का’ शब्द एक के लिए आया है और ‘लड़के’ एक से अधिक के लिए। ‘लड़की’ एक के लिए और ‘लड़कियाँ’ एक से अधिक के लिए व्यवहृत हुआ है। यहाँ संज्ञा के रूपान्तर का आधार ‘वचन’ है। ‘लड़का’ एकवचन है और ‘लड़के’ बहुवचन में प्रयुक्त हुआ है।
कारक- चिह्नों के अनुसार संज्ञा का रूपांतर
लड़का खाना खाता है- लड़के ने खाना खाया।
लड़की खाना खाती है- लड़कियों ने खाना खाया।
इन वाक्यों में ‘लड़का खाता है’ में ‘लड़का’ पुंलिंग एकवचन है और ‘लड़के ने खाना खाया’ में भी ‘लड़के’ पुंलिंग एकवचन है, पर दोनों के रूप में भेद है। इस रूपान्तर का कारण कर्ता कारक का चिह्न ‘ने’ है, जिससे एकवचन होते हुए भी ‘लड़के’ रूप हो गया है।
इसी तरह, लड़के को बुलाओ, लड़के से पूछो, लड़के का कमरा, लड़के के लिए चाय लाओ इत्यादि वाक्यों में संज्ञा (लड़का-लड़के) एकवचन में आयी है।
इस प्रकार, संज्ञा बिना कारक-चिह्न के भी होती है और कारक चिह्नों के साथ भी। दोनों स्थितियों में संज्ञाएँ एकवचन में अथवा बहुवचन में प्रयुक्त होती है। उदाहरणार्थ-
बिना कारक-चिह्न के-
- लड़के खाना खाते हैं। (बहुवचन)
- लड़कियाँ खाना खाती हैं। (बहुवचन)
कारक-चिह्नों के साथ-
- लड़कों ने खाना खाया।
- लड़कियों ने खाना खाया।
- लड़कों से पूछो।
- लड़कियों से पूछो।
इस प्रकार, संज्ञा का रूपान्तर लिंग, वचन और कारक के कारण होता है।
संज्ञा ( Sangya ) | Pdf download
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Conclusion | निष्कर्ष
हिंदी भाषा को शुद्ध रूप से लिखना और बोलना हिंदी व्याकरण से आता हैँ इसलिए इसका अध्ययन किया जाता हैँ, हिंदी व्याकरण को सुविधानुसार वृगिकृत किया जाता हैँ उसमे संज्ञा ( Sangya ) एक महत्वपूर्ण विषय हैँ, इसलिए इस लेख में हमने संज्ञा को विस्तार से समझा उम्मीद हैँ आपको यह लेख समझ आया इसलिए सभी से शेयर जरूर करे।
HINDI VYAKARAN – हिन्दी व्याकरण
Bhasha – भाषा | Varnamala |
Sarvanam | Kriya – क्रिया |
Visheshan | Samas – समास |
Paryayvachi shabd | Vilom shabd |
Karak – कारक | Nibandh – निबंध |
FAQ – Sangya kise kahate Hain
किसी जाति, द्रव्य, गुण, भाव, व्यक्ति, स्थान और क्रिया आदि के नाम को संज्ञा कहते हैं। जैसे – पशु (जाति), सुन्दरता (गुण), व्यथा (भाव), मोहन (व्यक्ति), दिल्ली (स्थान), मारना (क्रिया)।
यह पाँच भेद की होती है –
1. व्यक्तिवाचक संज्ञा
2. जातिवाचक संज्ञा
3. समूहवाचक संज्ञा
4. द्रव्यवाचक संज्ञा
5. भाववाचक संज्ञा
कोई भी नाम संज्ञा हैं इसलिए आप इसे किसी भी नाम से पहचान सकते हैं कि यह संज्ञा हैं क्योंकि इसका कोई नाम हैं।
संज्ञा के भेद और उदाहरण (Types of Noun in Hindi and Examples)
व्यक्तिवाचक संज्ञा – भगत सिंह, महात्मा गाँधी, सचिन
जातिवाचक संज्ञा – कार, मोबाइल, टीवी, पुस्तक इत्यादि।
भाववाचक संज्ञा – ख़ुशी, क्रोध, दुःख इत्यादि।
समुदाय या समूहवाचक संज्ञा – सेना, कक्षा, झुण्ड, इत्यादि।
द्रव्यवाचक संज्ञा – दूध, घी, लोहा, सोना, तांबा इत्यादि।
‘बुढ़ापा’ भावनात्मक संज्ञा है।
व्यक्तिवाचक संज्ञा
जातिवाचक संज्ञा
समूहवाचक संज्ञा
द्रव्यवाचक संज्ञा
भाववाचक संज्ञा
जिस शब्द से किसी प्राणी या वस्तु की समस्त जाति का बोध होता है,उन शब्दों को जातिवाचक संज्ञा कहते हैं। यथा- घोड़ा, फूल, मनुष्य,वृक्ष इत्यादि।
किसी भी विशेष व्यक्ति, वस्तु या स्थान के नाम का बोध कराने वाली संज्ञा ही व्यक्तिवाचक संज्ञा कहलाती हैं। यानी, व्यक्तिवाचक संज्ञा सभी व्यक्ति, वस्तु या स्थान की संपूर्ण जाती में से ख़ास का नाम बताती हैं।
जैसे – गांधीजी , ताजमहल, सैमसंग आदि।
गाय’ ‘जातिवाचक’ संज्ञा है क्योंकि इससे सम्पूर्ण ‘गाय’ जाति का बोध हो रहा है।
जिस संज्ञा शब्द से पदार्थों की अवस्था, गुण-दोष, धर्म आदि का बोध हो उसे भाववाचक संज्ञा कहते हैं. जैसे – मिठास, खटास, धर्म, थकावट, जवानी, मोटापा, मित्रता, सुन्दरता, बचपन, परायापन, अपनापन, बुढ़ापा, प्यास, भूख, मानवता, मुस्कुराहट, नीचता, क्रोध, चढाई, उचाई, चोरी आदि।
जातिवाचक संज्ञा के दो भेद होते हैं।
कुत्ता जातिवाचक संज्ञा है?