Hindi vowel – Devanagari में हिंदी व्याकरण के पाठ में Hindi varnamala का ही एक भाग है vowel जिसे हिंदी में स्वर कहते है।
हिंदी भाषा को लिखने तथा पढ़ने के लिए वर्णमाला का अध्ययन करना जरूरी होता हैं, जो दो ( स्वर और व्यंजन ) से मिलकर बनती हैं, इस लेख में हम swar सीखने वाले हैं।
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Vowel in hindi |
Hindi vowel – स्वर ( परिभाषा )
वे वर्ण जिनके उच्चारण में किसी अन्य वर्ण की सहायता की आवश्यकता नहीं होती, स्वर कहलाता है।
इसके उच्चारण में कंठ, तालु का उपयोग होता है, जीभ, होठ का नहीं।
हिंदी वर्णमाला में 16 स्वर है
जैसे- अ आ इ ई उ ऊ ए ऐ ओ औ अं अः ऋ ॠ ऌ ॡ।
स्वर के भेद
स्वर के दो भेद होते है-
(i) मूल स्वर
(ii) संयुक्त स्वर
मूल स्वर
अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ए, ओ
संयुक्त स्वर
ऐ (अ +ए) और औ (अ +ओ)
मूल स्वर के भेद
मूल स्वर के तीन भेद होते है –
- ह्स्व स्वर
- दीर्घ स्वर
- प्लुत स्वर
ह्रस्व स्वर :-
जिन स्वरों के उच्चारण में कम समय लगता है उन्हें ह्स्व स्वर कहते है।
ह्स्व स्वर चार होते है -अ आ उ ऋ।
‘ऋ’ की मात्रा (ृ) के रूप में लगाई जाती है तथा उच्चारण ‘रि’ की तरह होता है।
दीर्घ स्वर
वे स्वर जिनके उच्चारण में ह्रस्व स्वर से दोगुना समय लगता है, वे दीर्घ स्वर कहलाते हैं।
सरल शब्दों में- स्वरों उच्चारण में अधिक समय लगता है उन्हें दीर्घ स्वर कहते है।
दीर्घ स्वर सात होते है -आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ।
दीर्घ स्वर दो शब्दों के योग से बनते है।
जैसे- आ =(अ +अ )
ई =(इ +इ )
ऊ =(उ +उ )
ए =(अ +इ )
ऐ =(अ +ए )
ओ =(अ +उ )
औ =(अ +ओ )
प्लुत स्वर
वे स्वर जिनके उच्चारण में दीर्घ स्वर से भी अधिक समय यानी तीन मात्राओं का समय लगता है, प्लुत स्वर कहलाते हैं।
सरल शब्दों में- जिस स्वर के उच्चारण में तिगुना समय लगे, उसे ‘प्लुत’ कहते हैं।
इसका चिह्न (ऽ) है। इसका प्रयोग अकसर पुकारते समय किया जाता है। जैसे- सुनोऽऽ, राऽऽम, ओऽऽम्।
हिन्दी में साधारणतः प्लुत का प्रयोग नहीं होता। वैदिक भाषा में प्लुत स्वर का प्रयोग अधिक हुआ है। इसे ‘त्रिमात्रिक’ स्वर भी कहते हैं।
अं, अः अयोगवाह कहलाते हैं। वर्णमाला में इनका स्थान स्वरों के बाद और व्यंजनों से पहले होता है। अं को अनुस्वार तथा अः को विसर्ग कहा जाता है।
स्वर से शब्द बने शब्द
Hindi vowel matra
number | स्वर | matra |
---|---|---|
1 | अ | नहीं |
2 | आ | ा |
3 | इ | ि |
4 | ई | ी |
5 | उ | ु |
6 | ऊ | ू |
7 | ए | े |
8 | ऐ | ै |
9 | ओ | ो |
10 | औ | ौ |
Final words as conclusion – निष्कर्ष
तो दोस्तों बिना स्वर के आप कोई भी शुद्ध शब्द नहीं बना सकते इसलिए Hindi vowel सीखना बहुत जरूरी हैं, मै उम्मीद करता हूँ यह लेख आपके लिए फायदेमंद हो।