What Is Economics Meaning Hindi – Arthashastra

किसी भी देश कि स्तिथि जानने के लिए उस देश कि अर्थव्यवस्था का अध्ययन किया जाता है|
इसलिए इस पोस्ट मे हम economics in hindi  का अध्ययन करेंगे साथ ही साथ अर्थव्यवस्था के बारे मे भी जानेंगे
economics in hindi

Economics  in hindi 

 
Arthashastra [economics in hindi: अर्थशास्त्र सामाजिक विज्ञान की वह शाखा है, जिसके अन्तर्गत वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन, वितरण, विनिमय और उपभोग का अध्ययन किया जाता है।

अर्थशास्त्र का पिता– एडम स्मिथ(Adom smith) को अर्थशास्त्र का पिता कहा जाता है। उन्होंने एक पुस्तक लिखी थी wealth of nations(1776) जिसमे दुनिया के सभी देशो के सम्पत्ति के बारे में बात की गयी है। एडम स्मिथ scotland के रहने वाले थे।

Types of Economics in Hindi[ अर्थशास्त्र के प्रकार ]

 

अर्थशास्त्र को दो भागों में बांटा गया है–

1.व्यष्टि(micro) एवं
2.समष्टि अर्थशास्त्र(macro)

व्यष्टि अर्थशास्त्र का अर्थ [ Micro Economics in Hindi]

 

(micro)व्यष्टि अर्थशास्त्र का पिता Ragnar Frisch को कहा जाता है। के अन्तर्गत हम बहुत छोटे स्तर पर बात करते हैं। इसे इस तरह याद रखयेगा मोबाइल में micro sd card होता है मतलब वो पहले से भी छोटा कर दिया गया है। अर्थात व्यष्टि मतलब छोटा। व्यष्टि अर्थशास्त्र के कुछ उदहारण—–

  • प्रति व्यक्ति आय  (per capitaincome)
  • मांग एवम् आपूर्ति (demand and supply)
  • राजस्व (revenue)
  • उपयोगिता (utility)
  • कीमत सिद्धान्त (price theory)
  • मांग सिद्धान्त(demand theory) आदि..

  समष्टि अर्थशास्त्र क्या है [ Macro Economics in Hindi]

इसके अन्तर्गत हम बहुत बड़े स्तर पर बात करते हैं। यह व्यष्टि का विपरीत है।

कही बार परीक्षाओ या इंटरव्यू मे सवाल किया जाता है की समष्टि अर्थशास्त्र का जनक कौन है? (macro)समष्टि अर्थशास्त्र का पिता   जॉन कीन्स(John keynes) को कहा जाता है।
 उदहारण—
  • राष्ट्रीय आय (National income)
  • योजना (planning)
  • कर (tax)
  • बजट (budget)
  • बैंकिंग (banking) आदि।

अगर हम केवल एक व्यक्ति की आय के बारे में आकलन रहे हैं तो बहुत छोटे स्तर पर बात कर रहे हैं अतः यह micro का part होगा। लेकिन जब पुरे देश की आय अर्थात राष्ट्रीय आय का आकलन कर रहे हैं तो व्यापक स्तर हो गया। अतः यह macro का भाग होगा।


अर्थव्यवस्था [ अर्थव्यस्था क्या है ]

economy meaning in hindi:

अर्थव्यवस्था वह सरंचना है, जिसके अंतर्गत सभी आर्थिक गतिविधियां का संचालन होता है। उत्पादन उपभोग व निवेश अर्थव्यवस्था की आधारभतू गतिविधिया है। अर्थव्यवस्था की संस्थाएं मनुष्यकृत होती है। अत: इनका विकास भी मनुष्य जैसा चाहता है, वैसा ही करता है।

अर्थव्यवस्था के प्रकार 

हैल्लो दोस्तों कही परीक्षाओ मे सवाल पूछा जाता है की अर्थव्यवस्था के प्रकार बताइए या अर्थव्यवस्था के कितने प्रकार होते है?
तो दोस्तों मुख्यतः अर्थव्यवस्था के 6 प्रकार होते है जो निम्न है –

1. खुली अर्थव्यवस्था:- 

यह नियंत्रण मुक्त अर्थव्यवस्था है जो स्वतंत्रता प्रतियोगिता को प्रोत्साहित करता है. वैश्वीकरण के नीति में सभी देश मुक्त अर्थव्यवस्था को अपना रहे हैं.

2. बंद अर्थव्यवस्था:-

यह एक ऐसी अर्थव्यवस्था है जो विश्व के साथ किसी प्रकार की विदेशी व्यापार की क्रिया को संपन्न नहीं करता है. इस प्रकार की आर्थिक क्रियाएं एक देश की सीमा के अंदर होती है.

3. विकसित अर्थव्यवस्था:- 

इस प्रकार की अर्थव्यवस्था आर्थिक गतिविधियों एवं विकास के एक बेहतर स्तर का प्रतिनिधित्व करती है. इस प्रकार की अर्थव्यवस्था में किसी सीमा या मापदंड का निर्धारण करना कठिन है.

इस प्रकार की अर्थव्यवस्था के देशों में USA और जापान जैसे देश आते हैं, जिनकी नागरिकों की प्रति व्यक्ति आय उच्च और बेहतर जीवन के आधार पर विकसित देश कहा जाता है.

4. विकासशील अर्थव्यवस्था:-

इस प्रकार की अर्थव्यवस्था में ऐसे देश आते हैं जो अपनी पिछड़ी व्यवस्था से उच्च विकास की ओर प्रयासरत है. जैसे भारत

5. पूंजीवादी अर्थव्यवस्था:-

इस प्रकार की अर्थव्यवस्था बाजार की शक्तियों अर्थात मांग और आपूर्ति के सिद्धांतों के अंतर्गत स्वतंत्र रुप से कार्य करती है इसे बाजार अर्थव्यवस्था के नाम से जाना जाता है.

6. समाजवादी अर्थव्यवस्था:- 

इस प्रकार की अर्थव्यवस्था कार्लमार्क्स के सिद्धांतों पर आधारित व्यवस्था का प्रतिपादन करता है. इसके अंतर्गत उत्पादन के समस्त साधनों पर राज्य और समुदाय का नियंत्रण रहता है. जैसे सोवियत रूस

मिश्रित अर्थव्यवस्था:- इस प्रकार की अर्थव्यवस्था में समाजवादी और पूंजीवादी अर्थव्यवस्था का मिश्रण होता है.

आर्थिक संसाधनों के महत्वपूर्ण भाग पर राज्य का नियंत्रण होता है और उसी के साथ निजी क्षेत्र को विकास का अवसर प्राप्त होता रहता है जैसे भारत

अर्थव्यवस्था के क्षेत्र (Economic System)

केंद्रीय सांख्यिकी संगठन द्वारा अपनी राष्ट्रीय आय की पहली श्रृंखला में भारतीय अर्थव्यवस्था को 13 क्षेत्रों में विभाजित किया गया था परंतु केंद्रीय सांख्यिकी संगठन ने अपने द्वितीय श्रृंखला जो 1966-67 में जारी की गई थी, में भारतीय अर्थव्यवस्था को तीन क्षेत्रों में प्राथमिक द्वितीयक और तृतीयक क्षेत्रों में विभाजित कर दिया.

1. प्राथमिक क्षेत्र:-

 इस क्षेत्र में कृषि, वन क्षेत्र, मत्स्य क्षेत्र और खाने आदि प्राकृतिक संसाधन शामिल हैं.
इनसे द्वितीयक क्षेत्र के लिए कच्चा माल मिलता है.

2. द्वितीयक क्षेत्र:-

इस क्षेत्र में प्राकृतिक उत्पादों के विनिर्माण प्रणाली के जरिए अन्य रूपों में परिवर्तित किया जाता है.

जैसे गन्ने से चीनी बनाना और गुड़ का निर्माण करना. इसे औद्योगिक क्षेत्र भी कहते है

Conclusion

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